बुधवार, 1 जुलाई 2020

दीपावली मनाने का तरीका

दीपावली एक दीपों का उत्सव है जो त्यौहार अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है यह त्यौहार मानव जाति को अत्याचार रहित सत्य व सदाचार का जीवन जीने की सलाह देता है


                      त्रेता युग में ऋषि नारद के श्राप वश तीन लोक के सतोगुण भगवान विष्णुजी कर्म का दंड भोगने के लिए दशरथ के घर श्री राम रूप में जन्म लेते हैं फिर चौदह वर्ष का वनवास भोगते समय लंकेश्वर राजा रावण अपनी बहन सूर्पनखा का प्रतिशोध लेने के लिए सीता जी को उठाकर ले जाता है फिर श्री राम ऋषि मुनींद्र जी के आशीर्वाद से रामेश्वरम पर सेतु बनाकर अपनी सेना लेकर लंकापति रावण को मार कर सीता की पवित्रता के लिए अग्निपरीक्षा लेकर वापस घर लाते हैं तब अयोध्यावासी दीप जलाकर खुशी मनाते हैं कुछ दिन बाद धोबी के व्यंग्य से गर्भवती सीता को श्री राम घर से निकाल देते हैं और वह अपना जीवन वाल्मीकि जी के आश्रम में व्यतीत करती हैं फिर लव और कुश के द्वारा श्री राम को युद्ध की चुनौती देने पर श्री राम सरयू नदी के अंदर जल समाधि ले लेते हैं और अपने कर्म दंड नहीं काट सके इसलिए स्पष्ट हैं कि श्रीराम पूर्ण परमात्मा अखिल ब्रह्मांड के नायक नहीं है


                 श्री राम तीन लोक के भगवान विष्णु के अवतार थे जो जन्म मृत्यु में है जो अविनाशी भगवान नहीं है ब्रह्मा विष्णु महेश के पिता काल भगवान हैं और माता दुर्गा हैं यह 21 ब्रह्मांड के अंदर सृष्टि रचना करते हैं 21 ब्रह्मांड भी नाशवान है
                अतः मनुष्य जीवन का मूल उद्देश्य शास्त्र अनुकूल सत भक्ति करके मोक्ष प्राप्त करना है आज के समय में पूरे विश्व में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज शास्त्र अनुकूल सत भक्ति करवाते हैं जिन से नाम उपदेश लेकर मर्यादा में रहकर सत भक्ति करने से मोक्ष प्राप्ति होती हैं और पूर्ण आध्यात्मिक लाभ मिलता है
            अधिक जानकारी के लिए देखें संत रामपाल जी महाराज के अमृत प्रवचन साधना चैनल पर रोज रात्रि 7:30 से 8:30 तक

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

8thseptember_avataran

संत रामपाल जी महाराज एक ऐसे महान संत जिन्होंने परमार्थ के लिए अनेकों जुल्म सहते हुए सदग्रंथों का वास्तविक ज्ञान और पूर्ण मोक्ष प्राप्ति मंत्...